अमेरिका के एक फैसले ने भारतीय बाजारों में हाहाकार मचा दिया है. अमेरिका में ब्याज दरों वृध्दि की गई है. यह 14 सालों में सबसे अधिक वृध्दि है.
बुधवार को फिर से यूएस फेड ने दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी. अमेरिका के इस फैसले से भारतीय रिजर्व बैंक पर भी दबाव बढ़ सकता है. आशंका जताई जा रही है कि आरबीआई भी कड़ा कदम उठा सकता है.
बुधवार से बैठक आरबीआई की अहम बैठक शुरु हो रही है. आरबीआई कोई कड़ा कदम उठा सकता है. यदि ऐसा होता है तो ये लोगों के लिए बड़ा झटका साबित होगा. क्योंकि अगर रेपो रेट में फिर इजाफा होता है, तो लोन और महंगे हो जाएंगे.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार रात प्रमुख ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इस लगातार चौथी वृद्धि के बाद यूएस फेड ब्याज दर 3.75 फीसदी से बढ़कर 4 फीसदी पर पहुंच गया है.
अमेरिका में ब्याज दर बढ़कर 4 प्रतिशत पर पहुंची
इस फैसले के फौरन बात अमेरिकी शेयर बाजार गिरना शुरु हो गये. जिसका असर भारतीय शेयर बाजार में दिखा। सेंसेक्स 250 अंकों से फिसल गया, तो निफ्टी में भी बड़ी गिरावट दिखी।
गिरा भारतीय बाजार
अम्रीका के फैसले का हम पर क्या असर होगा
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ना भारत को कई तरह से प्रभावित करेगा. निवेशक जहां भारतीय शेयर बाजारों की बजाय अमेरिकी बाजारों का रुख करेंगे. जिसके नतीजे में एफआई की निकासी तेज हो सकती है. जिसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ेगा.
इसके अलावा अमेरिका फेड के लगातार ब्याद दरों में इजाफा करने के बाद आरबीआई पर ब्याज दरों में इजाफा करने का दबाव बढ़ेगा. जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा. क्योंकि लोन महंगा हो जाएगा. महंगाई बढ़ेगी.
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