प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते रविवार को देश में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया है. इस कदम को देश के वित्तीय एवं आर्थिक इतिहास में एक क्रांति माना जा रहा है. इसका फायदा हर उस भारतीय को हो सकेगा, जिसके पास मोबाईल और इंटरनेट है.
डिजिटल बैंकिंग पराम्गत बैंकिंग का ही एक प्रकार है. डिजिटल बैंकिंग और अन्य बैंकों में फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें फिजिकल शाखा (ब्रांच) नहीं होती. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती
सबसे बड़ी हर दूसरे तीसरे दिन बैंक हालीडे की होती है. यही डिजिटल बैंकों की सबसे बड़ी खूबी होगी. डिजिटल बैंक की सभी बैंकिंग सुविधाएं सातों दिन 24 घंटे बिना किसी अवकाश और लंच ब्रेक के उपलब्ध कराई जाएंगी.
सेविंग अकाउंट खोलने, बैलेंस चेक करने, पासबुक प्रिंट करने, फंड ट्रांसफर, एफडी खोलने, धन निकासी और जमा करने, स्टॉप पेमेंट से लेकर होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन संबंधित सभी कार्यवाही को ऑनलाइन पूरा करेंगे. सबकुछ एक क्लिक पर होगा, कोई कतार नहीं.
डिजिटल बैंक में सबकुछ ठीक से चले इसके लिये एक चीफ ऑपरेटिंग आफिसर नियुक्त किया जाएगा. रिजर्व बैंक ने इसके लिये पूरी गाईड लाईन जारी की है.
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल बैंक की पहुंच बढ़ाने के लिये विशेरूा व्यवस्था की गई है. इसके लिये डिजिटल बैंक बिजनेस फैसिलटेटर और बिजनेस करेस्पांडेंट की नियुक्ति कर सकते हैं.
इसमें सबसे दिलचस्प यह है की डिजिटल बैंकों में नये पुराने ग्राहकों की वीडियो केवाईसी भी होगी. वहीं सारे दस्तावेज ऑनलाईन बिना किसी एजेन्ट के जमा होंगे. यह कदम धोखाधड़ी रोकने उ'ाए गये हैं.
ग्रामीण बैंक, पेमेंट बैंक और स्थानीय बैंक छोड़कर अन्य सभी कमर्शियल बैंक यह डिजिटल बैंक यूनिट छोटे कस्बों से लेकर महानगरों तक हर जगह खोल सवेंâगे. इसके लिये आरबीआई की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी.