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यूपीआई ने हमारे जीवन को बहुत आसान किया है. लेन देन अब सिर्फ कुछ सेकेण्डों की बात रह गई. लेकिन इस सरलता ने सायबर अपराध को भी आसान किया है. यूपीआई के माध्यम से ठगी बेहद आसान हो गई है. इसलिये यूपीआई इस्तेमाल करने से पहले कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें. अन्यथा बड़ी परेशानी में फंस जाएंगे.
पहली बात गांठ बांध लें, यूपीआई से अमाउंट रिसीव करते समय यूपीआई पिन दर्ज करने की जरुरत नहीं होती है. पिन सिर्फ और सिर्फ पेमेंट करते समय दर्ज की जाती है. याद रखिये किसी गलत जगह आपने पिन दर्ज की और खाता खाली हुआ.
पैसे भेजने से पहले नाम, नंबर और डिटेल्स पूरी तरह से वेरीफाई कर लें. अगर मुनासिब होतो बड़ी रकम सेंड करने से पहले उसी यूपीआई को छोटी रकम भेज कर भी पहले कन्फमेशन लें, फिर बड़ा अमाउंट भेजें.
आपके खाते में आई किसी भी अनजान पेमेंट को स्वीकार न करें. यदि कोई अनजान पेमेंट प्राप्त होतो तुरंत बैंक को सूचित करें.
कभी भी क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद, पैसा भेजने से पहले रिसीव करने वाली पार्टी को सत्यापित करें और डिटेल्स ध्यान से पढ़ें.
अपना यूपीआई पिन निश्चित समय अंतराल में बदलते रहें.
अपना बैंक स्टेटमेंट महीने में कम से कम एक बार चैक करें. कोई भी अनजान लेने देन शो होने पर अपने बैंक से सत्यापित करें.
कभी भी ऐसा लगे की आप किसी सायबर ठगी का शिकार हो रहे हैं तो सबसे पहले अपना पासवर्ड चेंज करें. उसके बाद पुलिस विभाग की सायबर सेल को सूचित करें.