पीछे कोरोना का साया है, आगे वैश्विविक के आसार. ऐसे हालात में देश ही नहीं दुनिया की नजर भारतीय बाजार पर टिकी है. Budget 2023 को अब एक हफ्ते से कम का समय बाकी है. आई चर्चा करते है वो से 8 ऐलान हैं, जो इस बजट में होने की संभावना है.
1. कैपिटल गेंस टैक्स
Capital Gains Tax पर सरकार नियमों में बदलाव कर सकती है. इसकी प्रबल संभावना जताई जा रही है. गौरतलब है की चल और अचल संपत्ति को बेचने से होने वाले हुए प्रॉफिट पर कैपिटल गेंस टैक्स लगता है। अचल संपत्ति का मतलब मकान, जमीन आदि हैं। चल संपत्ति का मतलब शेयर, म्यूचुअल फंड्स यूनिट्स आदि हैं। अभी अलग-अलग एसेट के लिए कैपिटल गेंस टैक्स के नियम अलग-अलग हैं। इससे लोगों के बीच कैपिटल गेंस टैक्स को लेकर उलझन की स्थिति रहती है।
2. इंडिविजुअल इनकम टैक्स
महंगाई से परेशान टैक्स पेयर्स को राहत दी जा सकती है. इंडिविजुअल इनकम टैक्स के नियमों को आसान, पारदर्शी बनाने के ठोस प्रयास इस बजट में नजर आएंगे. वहीं कम इनकम वाले लोगों के लिए टैक्स रेट घटा सकता हैं।
3. कैपिटल एक्सपेंडिचर
पूंजीगत खर्च में बढ़ोत्तरी की संभावनाएं हैं.सरकार यूनियन बजट २०२३ में पूंजीगत खर्च बढ़ाने पर फोकस कर सकती है। वह प्राइवेट इनवेस्टमेंट बढ़ाने के लिए भी उपायों का ऐलान कर सकती हैं। पिछले बजट में भी सरकार ने अपना पूंजीगत खर्च बढ़ाने का ऐलान किया था, इंप्रâास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया था। गौरतलब है की पूंजीगत खर्च बढ़ाने से रोजगार के नए मौके पैदा करने में मदद मिलती है।
4. फिस्कल डेफिसिट
उम्मीद की जा रही है की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सरकार की वित्तीय सेहत ठीक करने पर फोकस करेंगी। इसे फिस्कल कंसॉलिडेशन कहा जाता है। इस फाइनेंशियल ईयर में फिस्कल डेफिसिट ६.४ फीसदी रहने का अनुमान है, जो सरकार के अनुमान जितना है। सरकार फाइनेंशियल ईयर २०२५-२६ तक फिस्कल डेफिसिट को कम कर ४.५ फीसदी तक करना चाहती है।
5. फूड सब्सिडी बिल
सरकार ने कोरोना की महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए प्रâी-फूड स्कीम की शुरुआत की थी। इस वजह से सरकार पर फूड सब्सिडी का बोझ बहुत बढ़ गया था। माना जा रहा है की इस बजट में यह खर्च घट सकता है.
6. फर्टिलाइजर सब्सिडा
फर्टिलाइजर सब्सिडी पर भी सरकार का खर्च कम रहने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि ग्लोबल मार्केट में फर्टिलाइजर्स की कीमतों में कमी आई है। पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ग्लोबल मार्केट में फर्टिलाइजर्स की कीमतें बहुत बढ़ गई थी। इससे फर्टिलाइजर पर होने वाला सरकार का खर्च भी बढ़ गया।
7. नॉमिनल जीडीपी
स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री ने 6 जनवरी को डेटा जारी किए थे। इसके मुताबिक इस फाइनेंशियल ईयर में इंडिया का नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ १५.४ फीसदी रहने की उम्मीद है। रियल या इनफ्लेशन-एडजस्टेड जीडीपी ग्रोथ करीब ७ फीसदी रहने का अनुमान है। नॉनिनल जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों से इकोनॉमी की सेहत का भी संकेत मिलेगा।
8. सेक्शन 80 सी
सरकार इनकम टैक्स के मामले में यूनियन बजट 2023 में बड़ा राहत दे सकती है। इनमें सबसे अहम होगा सेक्शन 80 सी की लिमिट बढ़ाना। अभी इस सेक्शन के तहत एक फाइनेंशियल ईयर में कुछ तरह के निवेश और खर्च पर 1.5 लाख रुपये का डिडक्शन उपलब्ध है। इसे बढ़ाकर सरकार २-३ लाख रुपये कर सकती है। इससे पहले जुलाई 2014 में सरकार ने इस लिमिट को 50 रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये किया था।