बिजनेस लोन क्या होता है

व्यापार लोन क्या है। Business Loan kise kehte hai। एपल, माईक्रोसाफ्ट से लेकर रिलांयस, विप्रो और सिपला तक देश और दुनिया का हर छोटा, बड़ा उद्योग, व्यवसाय एक विचार से शुरु हुआ। मेहनत, समर्पण, सही प्लानिंग के साथ साथ सही समय पर व्यापार के लिये मिला पैसा,  एक विचार को कामयाब बिजेनस में बदल देता है। एक चलते हुआ व्यवसाय को जो लड़खड़ा रहा है, उसे दोबारा स्थपित कर देता है। 

व्यापार शुरु करने, बढ़ाने, बचाने आदि व्यवासियक गतिविधियों के लिये लिया जाने वाला कर्ज बिजनेस लोन कहलाता है। विशेषज्ञ मानते हैं, पर्सनल, होम और आटोमोबाईल लोन से अलग बिजनेस लोन के क्षेत्र में जिस तरह से क्रांति आई, उसने जहां लाखों उद्मी प्रतिभाओं को सफल बिजनेस बनाया। वहीं देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और रोजगार के नये नये अवसर पैदा करने का भी काम किया। आज व्यापार लोन के क्षेत्र मे दर्जनों प्रतिष्ठित बैंक और वित्तीय संस्थाएं सैंकड़ों तरह के लोन प्रॉडक्ट और आफर मुहैया करा रही हैं।

बिजनेस लोन क्यों लें?

नये व्यापार या उद्योग के लिये धन जुटाने के कई रास्ते हैं। अपनी सेविंग्स को व्यापार में लगाया जाए। अपनी संपत्ति को बेचा जाए। रिश्तेदारों या परिचितों से पैसा उधार लिया जाए, आदि। यह सभी परिस्थितियों में अपनी या अपनों की कमाई को जोखिम में डालना माना जाता है।

इसके लिये विपरीत व्यायासिक लोन में अलग-अलग तरह की परिस्थितियों को सामने रखकर, उन परिस्थितियों के अनुरूप नियम व शर्तों को ढाल कर प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थान अपने लोन प्राडक्ट और लोन ऑफर तैयार करती हैं।

इसलिये अचल संपत्तियों बेचकर या जीवन भर की पूंजी को जोखिम में डालकर पैसों का इंतजाम करने के बजाए, विशेषज्ञ आवश्यकतानुसार बिजनेस लोन का विकल्प चुनने की सलाह देते हैं।

बिजनेस लोन के फायदे 

यदि आप बिजनेस लोन को लेकर अभी भी संशय में हैं।  तो आइये बिजनेस लोन के कुछ और फायदे जानते हैं,

1. फंड जब आपको उनकी आवश्यकता हो

कई बार कारोबारी जिंदगी में अच्छे अवसर मिलते हैं। जिनका लाभ उठाने के लिये अचानक पैसों की आवश्यकता होती है। कई बार पैसों के इंतजाम में लम्बा इंतजार अवसर को खोने की वजह बन जाता है। ऐसी परिस्थितियों के लिये वित्तीय संस्थान, विशेष रूप से डिजायन किया हुआ व्यापार लोन देते हैं। जो क्रेडिट लाइन, ओव्हर ड्राफ्ट, प्री-अपू्रव्ड लोन या लोन आवेदन का त्वरित समाधान आदि के रूप में होते हैं। जिसमें व्यपारी को तुरंत या कुछ घंटों में पैस मिल जाता है।  क्रेडिट लाइन, ओव्हर ड्राफ्ट जैसी सुविधाएं विशेष रूप से बिजनेस के लिये होती हैं। वहीं इसमें ब्याज केवल तभी लगता है जब क्रेडिट का इस्तेमाल होता है।

2. भुगतान के लिये लचीली व्यवस्था

पर्सनल लोन या अन्य परम्परिक लोन के उलट व्यवसायिक लोन को चुकाने की व्यवस्था अलग होती है। चूंकी हर व्यवसाय और उद्म की प्रकृति अलग होती है। इसलिये लोन चुकाने की व्यवस्था भी अलग अलग तरह की होती है। व्यवसायिक लोन में चुकौती का कार्यक्रम इस हिसाब से डिजायन होता है, जिसमें व्यवसाय पर बोझ कम पड़े, नकदी का प्रवाह बना रहे और लोन भी चुक जाए।

बिजनेस लोन के प्रकार आपके लिए 10 सर्वश्रेष्ठ विकल्प

बिजनेस लोन की कैटेगरी व्यापक है। कारोबार शुरु करने से लेकर कर्मचारियों को सैलरी देने तक। नया आर्डर पूरा करने से नया प्लांट लगाने तक। वर्किंग कैपिटल के निर्माण से लेकर व्यापार को घाटे से निकालने तक।  बिजनेस की अलग-अलग जरूरतों के लिए अलग अलग तरह की कैटेगरी होती है। जरूरत के हिसाब से बिजनेस लोन और हर लोन के लिये अलग नियम, शर्तें और भुगतान प्रक्रिया, बिजनेस लोन की विशेषता है। अगर आप अपनी जरूरत के हिसाब से सही बिजनेस लोन प्राडक्ट चुनेंगे, तो आपके लोन आवेदन रिजेक्ट होने की संभावना कम हो जाएगी।

आईये जानते हैं, भारत में मौजूद व्यापार लोन के प्रमुख प्रकार…

1. सावधि ऋण

बिजनेस फायनेंस के क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रचलित सावधि लोन है। अर्थात जिसमें लोन चुकाने की अवधि निश्चित होती है। वहीं लोन की राशी अन्य लोन की तरह व्यवसाय या व्यवसायी की क्रेडिट हिस्ट्री के हिसाब से तय होती है। लोन अगर असुरक्षित है तो अवधि आम तौर से 1 से 5 वर्ष के बीच की होती है। वहीं लोन अगर सुरक्षित कैटेगरी में जा रहा है तो ऋण की अवधि 15-20 वर्ष भी होती है। 

2. स्टार्ट-अप ऋण

बीते एक दशक में स्टार्ट-अप लोन या नया व्यवसाय शुरु करने के लिये लोन सबसे अधिक प्रचलित हुआ है। यह लोन आमतौर से ऐसे उत्साही उद्मियों के लिये डिजायन किये जाते हैं, जिनके पास बिजनेस प्लान है, उस बिजनेस को करने की आवश्यक काबलियत भी है। लेकिन क्रेडिट हिस्ट्री, या क्रेडिट स्कोर नहीं है। 

3. कार्यशील पूंजी ऋण

व्यवसाय को संचालित करने, दिन प्रतिदिन के खर्चों को पूरा करने, नकदी की कमी को दूर करने के लिये कार्यशील पूंजी ऋण होता है।  यह ऋण ऑफ सीजन के दौरान नकदी की कमी से निपटने या पीक सीजन के दौरान मांग को पूरा करने में भी सहायक होता है। ऐसे लोन में भुगतान के लिये वित्तीय कंपनियां व्यापार की प्रकृति के अनुसार दैनिक, साप्ताहिक, मासिक और कई मामलों में त्रैमासिक ईएमआई भुगतान की भी सुविधा देती हैं।

4. एसएमई के लिए संपत्ति पर ऋण

जमें हुये लघु उद्योग व्यवसाय या विस्तार के लिए संकल्पित छोटे और मध्यम वर्ग के बिजनेस के लिये एमएमई या एमएसएमई लोन होता है। यह आमतौर से 50 लाख या उससे अधिक राशी का लोन होता है। निजी वित्तीय संस्थान एवं बैंक यह लोन आमतौर पर लोन अगेन्स्ट प्रापर्टी देते हैं, अर्थात आवेदक को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए धन प्राप्त करने के लिए अपनी संपत्ति को गिरवी रखना पड़ता है। वहीं सरकार की सतह पर भी शिथिल नियम शर्तों एवं सब्सिडी के साथ एमएसएमई के लिये लोन होते हैं। 

5. इनवाईस फायनेंसिंग

आर्डर मिलने और आर्डर पूरा करके भुगतान प्राप्त करने के बीच में जो पैसों की आवश्यकता होती है। उसे इनवॉइस फाइनेंसिंग के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार की फंडिंग विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए होती है। जो आर्डर मिलने और ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने के बीच नकदी की कमी का सामना कर रहे होते हैं। वित्तीय संस्थान, इनवॉइस में जुटाई गई राशि के बदले फंड मुहैया कराता है। जब व्यवसाय को भुगतान प्राप्त हो जाता है, तो वह निर्धारित अवधि और ब्याज दर के अनुसार ऋण को चुका देता है।

6. उपकरण वित्तपोषण

उद्योगों के पास मशीनरी एवं उपकरण खरीदने के लिये मशीनरी फायनेंस लोन का विकल्प होता है।  विनिर्माण इकाइयों को अपने व्यवसाय के संचालन के लिए महंगे उपकरणों की आवश्यकता होती है। मशीनों को खरीदने के लिए, सभी प्रकार के व्यावसायिक ऋणों में से, उपकरण वित्तपोषण सबसे पसंदीदा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मशीनरी ऋण प्रकृति में आमतौर पर मशीन को ही कोलेट्रल के रूप में लिया जाता है। 

7. महिलाओं के लिए बिजनेस लोन

भारत सरकार ने महिलाओं को व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पहल की है। महिला उद्यमियों के लिए विशेष ऋण, स्टार्ट-अप ऋण, कम ब्याज दरों एवं आसान नियम व शर्तो के साथ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब निजी बैंक एवं वित्तीय संस्थान भी महिला उद्यमियों के लिए विशेष व्यवसाय ऋण योजनाएं ला रहे हैं।

8. ओवरड्राफ्ट

व्यवसाय एवं व्यवसायी के क्रेडिट इतिहास या उसके द्वारा दिये गये कोलेट्रल के आधार पर ऋण दाता एक ओवरड्राफ्ट राशि तय कर देता है। बिजनेस मैन, तय लिमिट के अन्दर अपनी आवश्यक के अनुसार राशि निकाल सकता है। इसमें खास बात यह होती है की जितनी राशि का उपयोग होता है, केवल उतनी राशि पर ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।

10. बिजनेस क्रेडिट कार्ड

बिजनेस की जरूरतों के सामने रखते हुये वित्तीय संस्थान अब बिजेस क्रेडिट कार्ड सुविधा भी दे रहे हैं। यह कार्ड शार्ट-टर्म में इमरजेंसी फंड के इंतजाम का अच्छा विकल्प बन रहा है। वहीं दूसरी तरफ इसमें ब्याज दरें अन्य बिजनेस लोन की तुलना में अधिक हो सकती हैं।

बिजनेस लोन के लिए कैसे अप्लाई करें?

ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से या फिर बैंक, वित्तीय संस्थान की निकटतम शाखा में जाकर बिजनेस लोन के लिये आवेदन किया जा सकता है।  लोन आवेदन से पहले, आवेदक को आपनी जरूरत के अनुरूप लोन कैटगरी एवं ऋणदाता के बारे मे अच्छी तरह से रिसर्च कर लेनी चाहिये। वहीं ऋणदाता के ऋण पात्रता की नियम व शर्तो, आवश्यक दस्तावेजों का भी अध्ययन कर लेना चाहिये। इससे आवेदन रिजेक्ट होने की संभावना कम हो जाती है।

निष्कर्ष के तौर पर

विशेषकर छोटे व्यवसायों, उद्यमियों और उत्साही युवाओं के लिए, व्यवसाय ऋण अच्छा साधन हो सकता है। पर्सनल लोन लोन लेते समय जो सावधानियां बरतीं जाती हैं, उन्हीं सावधानियों को यहां भी बरते।

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