Moonlighting kya hai? जिससे बचने की सलाह Narayan Murthi दे रहे हैं

Moonlighting kya hai? मून लाईटिंग लीगल है या गैर कानूनी। क्या भारत में मूनलाईटिंग की अनुमति है। ऐसे बहुत से सवाल हैं, जिनकी चर्चा इन दिनों भारत में हो रही है। Wipro ने हाल ही में 300 कर्मचारियों को मूनलाईटिंग के चलते निकाल दिया था। जिसके बाद यह टर्म चर्चा में आई। अब आईटी कंपनी के इंफोसिस के कोफाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने मूनलाईटिंग से बचने की युवाओं को सलाह दी है। आई जानते हैं मून लाईटिंग क्या है।

Moonlighting kya hai

Moon Lighting kya hai? अपनी नियमित जॉब के अतिरिक्त उसी से मिलता जुलता कोई दूसरा काम पार्ट टाईम के तौर पर करना मून लाईटिंग कहलाता है। आमतौर से टेक और आईटी सेक्टर के प्रोफशनल्स के बीच इसका चलन बढ़ रहा है। हाल ही में विप्रो ने अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी के लिये मून लाईटिंग के आरोप में अपने 300 कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया था। वहीं इंफोसिस ने भी अपने कर्मचारियों को इस संबंध में चेतावनी जारी की थी की वो मूनलाइटिंग स्वीकार नहीं करेगी।

एनआर नारायण मूर्ति की सलाह…….

इंफोसिस के कोफाउंडर एनआर नारायण मूर्ति रिमोट वर्क यानी ऑफिस से दूर से काम करने के कभी समर्थक नहीं रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कभी मूनलाइटिंग यानी दो नौकरियां एक साथ करने की निंदा की। 23 फरवरी को पुणे में हुई एशिया इकोनॉमिक डायलॉग में उन्होंने ईमानदार वर्क कल्चर की बात की। साथ ही जोर देकर कहा कि ‘आलसीपन’ से निबटना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत में मेहनती और ईमानदार लोगों की संख्या खासी कम है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर यह स्वभाव ज्यादा चलन में नहीं है।’ टेक लीडर ने कहा कि कृपया इस जाल में न फंसें कि ‘मैं मूनलाइटिंग करूंगा, मैं घर से काम करूंगा, मैं हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आऊंगा।’

दिग्गज टेक कंपनियां इसके खिलाफ…….

इसके अलावा, मूनलाइटिंग जैसे रुझान खासे चर्चा में रहे। मूनलाइटिंग का मतलब एक फुल टाइम जॉब के साथ दूसरा काम करना है। भारत में, विप्रो के रिषद प्रेमजी इसके मुखर आलोचक रहे हैं। उन्होंने अपने एक ट्वीट के जरिये मूनलाइटिंग को ‘धोखाधड़ी’ के समान बताया था। विप्रो ने अपनी एक प्रतिस्पर्धी कंपनी के साथ मूनलाइटिंग करने के लिए 300 कर्मचारियों को निकाल भी दिया था। इंफोसिस  ने भी कहा था कि वह मूनलाइटिंग स्वीकार नहीं करेगी। स्टाफ को भेजे एक ईमेल में कंपनी ने कहा था कि यह निश्चित रूप से एम्प्लॉयमेंट करार का उल्लंघन है, जिसके चलते टर्मिनेशन भी हो सकता है।

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