Securities Transaction Tax: सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स बढ़ाने केका फायदा होगा या नुकसान इस पर Market विश्लेषक मंथन कर रहे हैं। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने ऑप्शन के बेचने पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाने का एलान किया है. एक करोड़ रुपये ऑप्शन बेचने पर पहले जहां 1700 रुपये सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स लगता था लेकिन अब 2100 रुपये देना होगा. नए नियम वित्त वर्ष 2023-24 में एक अप्रैल से लागू होगा.
लोकसभा ( Loksabha) में वित्त विधेयक ( Finance Bill) के पास किए जाने के दौरान निर्मला सीतारामन ( Nirmala Sitharaman) फ्यूचर्स कॉंट्रैक्ट को बेचने पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में 25 फीसदी का इजाफा किया गया है. फ्यूचर में ट्रेड करने वाले ट्रेडर्स को एक करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 1,250 रुपये का एसटीटी देना होगा जो पहले 1,000 रुपये देना पड़ता था. वित्त विधेयक में संशोधन के जरिए सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स में ये बदलाव किया गया है.
सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स बढ़ाये जाने पर जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ ने इंट्राडे में रिटेल निवेशक निफ्टी फ्यूचर को बेचता या खरीदता है तो उसे हर निफ्टी लॉट के लिए 855 रुपये या 1.7 प्वाइंट एसटीटी देना होगा. और अगर वो 10 गुना ज्यादा निफ्टी लॉट में ट्रेड करता है तो 17 प्वाइंट ज्यादा एसटीटी देना होगा. ये एक्सचेंज चार्ज, स्टैंप ड्यूटी, जीएसटी, ब्रोकरेज और सेबी द्वारा लगाये जाने वाले चार्ज से अलग है.
STT hiked by 25 percent. If an intraday retail trader buys and sells 10 lots of nifty futures, he has to pay Rs 855 in STT or 1.7 points on each Nifty lot; if he trades 10 times a day, he has to capture 17 points of a nifty move every day on Stt alone. pic.twitter.com/Pm8Ru601MS
— Nikhil Kamath (@nikhilkamathcio) March 24, 2023
सिक्योरिटिज ट्रांजैक्शन टैक्स शेयरों, फ्यूचर-ऑप्शन के खरीदने बेचने पर लगाया जाता है जो 2004 में टैक्स लगाने की शुरुआत की गई थी. हालांकि सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स में बढ़ोतरी का फैसला केवल डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग पर लिया गया है.
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