Sahara Niveshako के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत की खबर आई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनका फंसा पैसा अब जल्द मिल सकेगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सेबी-सहारा विवाद के 24000 करोड़ के फंड पर केंद्र की याचिका को मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि सहारा-सेबी के 24 हजार करोड़ रुपये के फंड में से 5000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया जाए,ताकि सहारा के निराश निवेशकों को उनका फंड वापस कर सके।
सहारा की स्कीम में पैसा डालने वाले लाखों लोगों को अब तक अपना पैसा नहीं मिल सका है। इसके बाद निवेशकों के लिए बुधवार को अच्छी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद इन निवेशकों की उम्मीद जग गई है। उम्मीद है कि सहारा के निवेशकों को जल्द ही उनका पैसा वापस मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की उस याचिका को मंजूरी दे दी है, जिसमें केंद्र ने सहारा-सेबी फंड के 24000 करोड़ रुपये में से 5000 करोड़ का आवंटन तुरंत करने की अपील की है। बता दें कि निवेशकों से धोखाधड़ी के एक दूसरे मामले में साल 2012 में बने सहारा-सेबी फंड में लगभग 24 हजार करोड़ रुपए जमा हैं।
सहारा सेबी विवाद के कारण खाते में जमा 24 हजार करोड़ रुपये का फंड फंसा हुआ है। दूसरी ओर लाखों निवेशक परेशान है। निवेशकों की परेशानी को देखकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें 5 हजार रुपये तुरंत जारी करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को मंजूरी देकर 5 हजार करोड़ रुपये अलॉट करने का आदेश दिया है। इस फैसले से सहारा के 1.1 करोड़ निवेशकों को राहत मिलेगी। मंगलवार को सेबी ने सहारा समूह की रियल एस्टेट कंपनी से 6.57 करोड़ रुपए की वसूली कर ली। कंपनी के मुखिया सुब्रत रॉय सहारा पर सख्ती दिखाकर सेबी ने ये रकम वसूली है।
गौरतलब है कि सहारा का ये विवाद साल 2009 का है। सहारा की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन से जुड़े विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब कंपनी ने अपना आईपीओ लाने की पेशकश की। आईपीओ के आते ही सहारा की पोल खुलने लगी। सहारा ने गलत तरीके से निवेशकों से 24000 करोड़ की रकम जुटाई थी, जो सेबी के सामने आ गई। सेबी ने सहारा में कई अनियमितता पाई, जिसकी जांच जब हुई, तब बड़ा स्कैम सामने आया। सेबी ने सहारा को निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया। इसके बाद में मामला उलझता चला गया और आज भी सहारा के लाखों निवेशक अपने फंड का इंतजार कर रहे हैं।