Budget 2023: यूनियन बजट 1 फरवरी को पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, जानिए बजट सत्र का पूरा प्रोग्राम

Budget 2023: संसद के बजट सत्र (Budget Session) के 31 जनवरी से शुरू होने की संभावना है। इसका समापन 6 अप्रैल को होगा। इस बीच में सत्रावकाश होगा।
पूरे देश की निगाहें अब बजट २०२३ पर टिकीं हैं. आम आदमी को महंगाई से राहत की आस है. कारोबार जगत को टैक्स में तो गरीब, मजदूर, किसान सरकार से मदद की उम्मीद लगा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा वित्त मंत्री किसकी उम्मीदों पर कितना खरा उतरेंगी. वहीं यह बजट इस लिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कई प्रमुख राज्यों में चुनाव है. जिसके ठीक बाद लोक सभा चुनाव का बिगुल बज जाएगा।

बजट सेशन के पहले ही दिन संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया जाएगा। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2023 को बजट संसद में पेश करेंगी। यह केंद्र की मोदी सरकार 2.0 का पांचवां बजट होगा। यह 2014 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भी केंद्र सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा।

6 अप्रैल को तक चलेगा बजट सत्र

सूत्रों के हवाले से एएनआई ने बताया है कि बजट सत्र का पहला चरण 10 फरवरी तक चलने की उम्मीद है। इसके बाद सत्रावकाश होगा, जिसके दौरान स्टैंडिंग समितियां अलग-अलग मंत्रालयों की अनुदान मांग का विश्लेषण करती हैं। बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत 6 मार्च को होने की उम्मीद है। बजट सत्र का समापन 6 अप्रैल को होगा। बजट सत्र के पहले चरण में ससंद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर व्यापक चर्चा होती है। इसके बाद यूनियन बजट पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे। फाइनेंस मिनिस्टर यूनियन बजट पर चर्चा का जवाब देंगी। बजट सत्र के दूसरे चरण में अलग-अलग मंत्रालयों की अनुदान मांग पर फोकस रहेगा। इसी सत्र में यूनियन बजट और वित्त विधेयक भी पारित होगा।

आर्थिक ग्रोथ हो सकती है प्राथमिकता

वित्त मंत्री ने हाल में संकेत दिया था कि अगले यूनियन बजट में इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने वाले उपायों पर फोकस होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि इसमें पिछले बजटों के एप्रोच को जारी रखा जाएगा। निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमी को सहारा देने के लिए पब्लिक स्पेंडिंग का बड़ा प्रोग्राम लॉन्च किया था। दरअसल, कोरोना की महामारी के दौरान आर्थिक गितिविधियां बंद हो गई थी। इससे बहुत बड़ा संकट पैदा हो गया था।

 आर्थिक ग्रोथ घटने का अनुमान

यह बजट ऐसे वक्त पेश हो रहा है जब RBI सहित कई संस्थाओं ने इस फाइनेंशियल ईयर में इंडिया की ग्रोथ के अनुमान में कमी की है। इसे घटाकर 6.8 फीसदी किया गया है। RBI ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। उसने तीसरी तिमाही में ग्रोथ 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। अगले फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की पहली तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 7.1 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है। दूसरी तिमाही में इसके 5.9 फीसदी रहने का अनुमान है।