नयी दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का खुदरा डिजिटल रुपया पासा पलटने वाला सबित होगा। इससे टिकाऊ प्रभाव के साथ काफी कम लागत पर मौद्रिक नीति का बेहतर तरीके से लाभ मिल सकेगा। खुदरा डिजिटल रुपये के लिये आरबीआई की केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पायलट परियोजना बृहस्पतिवार को मुंबई, नयी दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू हुई।
भारतीय स्टेट बैंक इसमें भाग लेने वाले बैंकों में से एक है। खुदरा डिजिटल रुपया परियोजना चार बैंकों…एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक…और ग्राहकों एवं व्यापारियों के साथ शुरू हुई। खारा ने बयान में कहा कि आरबीआई सीबीडीसी पर पायलट परियोजना पासा पलटने वाली साबित होगी। टिकाऊ प्रभाव के साथ इससे काफी कम लागत पर मौद्रिक नीति का बेहतर तरीके से लाभ मिलना सुनिश्चित होना चाहिए।
उन्होंने बयान में कहा कि यह चलन में जारी मुद्रा व्यवस्था को सहयोग देगा और कुल मिलाकर मुद्रा ढांचे को पूर्ण करेगा। दूसरे चरण में चार अन्य बैंकों को शामिल करते हुए खुदरा डिजिटल रुपया परियोजना नौ अन्य शहरों में जारी की जाएगी। केंद्रीय बैंक ने 29 नवंबर को डिजिटल रुपये को लेकर पायलट परियोजना की घोषणा करते हुए कहा था, ‘‘नकद रुपये के उलट इसमेंकोई ब्याज नहीं मिलेगा और इसे बैंकों में जमा समेत अन्य रुपये के अन्य रूप में बदला जा सकता है। डिजिटल रुपये के उपयोग से भौतिक मुद्रा के प्रबंधन से संबंधित परिचालन लागत कम होने की भी उम्मीद है। साथ ही अर्थव्यवस्था में वित्तीय समावेश बढ़ने की संभावना है।