EPFO Subscribers Still Waiting To Get Interest On EPF Corpus For FY22 Raises Payment Delay Issue In Social Media

EPF Interest Amount Payment: वित्त वर्ष की समाप्ति में तीन दिन बचे हैं लेकिन ईपीएफओ के सब्सक्राइबर्स की एक बड़ी संख्या ऐसी है, जिसे वर्ष 2021-22 के लिए जमा फंड पर ब्याज अब तक नहीं मिला है। श्रम एंड रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की जो 233वीं बैठक हुई है उसमें भी ये मुद्रा छाया रहा. श्रम मंत्री ने कहा कि 99 फीसदी खाताधारकों के खाते में ब्याज के रकम को ट्रांसफर किया जा चुका है और बाकी बचे लोगों के खाते में भी जल्द ब्याज के रकम ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

2021-22 के लिए  ईपीएफ अकाउंट में खाताधारकों की जमा गाढ़ी कमाई पर 8.1 फीसदी ब्याज दर देने का फैसला किया था. जिसे वित्त मंत्रालय से मंजूरी भी मिल गई थी. इसके बावजूद अब तक कई खाताधारकों के खाते में ब्याज की रकम का भुगतान नहीं किया गया है. जिसकी शिकायत ईपीएफ खाताधारक लगातार सोशल मीडिया पर कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर एक नहीं बल्कि कई लोग वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज के रकम नहीं मिलने की शिकायत करते नजर आ रहे हैं. ईपीएफओ ने अपने ट्विटर हैंडल पर जवाब देते हुए लिखा कि, ब्याज के भुगतान की प्रक्रिया निरंतर जारी है और जल्द ही आपके खाते में ये नजर आने लगेगी. ब्याज के रकम का पूरा भुगतान किया जाएगा. किसी को भी ब्याज का नुकसान नहीं होगा. आप अपने प्रॉविडेंट ऑफिस से सम्पर्क कर सकते हैं.

हाल के वर्षों में ईपीएफ खाताधारकों के खाते में ब्याज के रकम को ट्रांसफर किए जाने में देरी देखने को मिली है. पिछले वर्ष वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा था कि ईपीएफ में निवेश से होने वाले मुनाफे पर टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव किए जाने के बाद सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया जा रहा है इसलिए कई ईपीएफ सब्सक्राइबर्स को स्टेटमेंट में नजर नहीं आ रहा है. वित्त मंत्रालय ने कहा था कि ईपीएफ छोड़ने वाले या ईपीएफ से रकम निकालने वाले सब्सक्राइबर को ब्याज के साथ पूरी रकम दी जा रही है.  वित्त वर्ष 2021-22 बजट में पीएफ के खाते में 2.5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा रकम जमा होने पर उसपर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगा दिया गया था. सरकारी कर्मचारियों के लिए ये लिमिट 5 लाख रुपये सालाना है. टैक्स के नियम में इस बदलाव के चलते ईपीएफओ के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है. जिसके चलते ब्याज मिलने में विलंब हो रहा है.