Two Wheeler Loan kya hai

Two Wheeler loan kya hota hai। टू व्हीलर लोन क्या होता है। यह सवाल आज हर किसी के मन में होता है। वहीं टू व्हीलर लोन कैसे मिलता है। टू व्हीलर लोन के क्या फायदे हैं (Two wheeler loan fayde kya hain) इससे अधिकांश लोग आज भी अंजान हैं। आईये हम यहां बात करते हैं, टू व्हीलर लोन, उसके फायदे और प्रक्रिया के बारे में डीटेल में बात करते हैं।

कोरोना काल के बाद बदले हालात, दुगर्म सड़कें और बेकाबू होते ट्रैफिक ने टू व्हीलर लोन के मार्केस को कई गुना बढ़ा दिया है। अब अमीर हो या गरीब, युवा या बुजुर्ग सभी टू व्हीलर वाहनों को तरजीह दे रहे हैं। क्योंकि इन वाहनों को खरीदना, चलाना, मेंटिनेंस सब आसान होता है। वहीं दर्जनों टू व्हीलर कंपियां सैंकड़ों प्रकार के हजारों भिन्न भिन्न फीचर्स के साथ अपने वाहन मार्केस में उतार रही हैं। जिससे हर खास ओ आम टू व्हीलर की चाह करने लगा है।

दोपहिया वाहन वाहनों को बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं ने आसान ऋण उपलब्ध करा कर हर तबके की पहुंच में पहुंचा दिया है। कुछ हजार डाउन पेमेंट करके आप वाहन मालिक।

दोपहिया वाहनों को खरीदने के लिये ली जाने वाली वित्तीय सहायता को टू व्हीलर लोन कहते हैं। अलग अलग तरह के टू व्हीलर के लिये अलग अलग तरह के लोन प्राडक्ट, अलग अलग शर्तों के साथ मार्केट में उपलब्ध हैं।

Two Wheeler loan kya hai| टू व्हीलर लोन क्या है ?

आसान शब्दों में, टू व्हीलर लोन पात्र उधारकतार्ओं को उनकी पसंद की बाइक/स्कूटर खरीदने के विशिष्ट उद्देश्य के लिए दी गई राशि है। उधार ली गई राशि, साथ ही ब्याज को समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में चुकाया जा सकता है ।

दोपहिया वाहन के फायदे

टू वहीलर लोन के फायदे समझने के लिये टू व्हीलर वाहनों के फायदे समझना होंगे। आइए दोपहिया वाहन के मालिक होने के लाभों पर एक नजर डालें।

1 सस्ता: दोपहिया वाहन का सबसे पहला फायदा यह है की यह सबके बजट में फिट हो जाता है। 50 हजार रुपये से लेकर 50 लाख तक के टू व्हीलर मार्केट में उपलब्ध है। मजदूर से लेकर करोड़पति तक हर कोई अपनी जरूरत के हिसाब से टू व्हीलर खरीद सकता है।

2 किफायती: दोपहिया वाहन किफायती होते हैं। आज पेट्रोल की आसमानी कीमतें इसे और किफाती बना रही हैं। दोपहिया वाहन चलाते समय आपको पार्किंग और टोल शुल्क या तो नहीं लगता या बहुत कम लगता है। वहीं 1 लीटर पेट्रोल भरा कर आप 30 किलोमीटर से लेकर 90 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते हैं।

3 कम रखरखाव: चार पहिया वाहनों को खरीदने के बाद उनका मेंटिनेंस एक बड़ा सिर दर्द होता है। जो मध्यम व्यक्ति के लिये मुश्किल होता है। टू व्हीलर का मेंटिनेंस बहुत आसान होता है। यहां 500 से 2500 रुपए के बीच सर्विसिंग हो जाती है, जिसमें आयल चेंज भी शामिल होता है। वहीं दुपहिया वाहन को टूट फूट आदि नुकसान होने पर स्पेयर पार्ट्स की लागत भी कम आती है। वहीं फोर व्हीलर की तरह आपको टू व्हीलर के लिये हर बार शो रूम या सर्विस सेंटर नहीं जाना पड़ता। टू व्हीलर के मेकेनिक आपको सड़क किनारे भी मिल जाएंगे।

5 सुरक्षित: कामकाजी महिलाएं दोपहिया वाहनों को सुरक्षित यात्रा साधन मानती हैं। यह उन्हें यात्रा को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ भीड़-भाड़ वाले इलाकों से भी बचाता है। कहने की जरूरत नहीं है कि सुरक्षित और आराम से यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए दोपहिया वाहन सही साथी हैं।

7 नेविगेशन में आसानी: शहर की सड़कों पर यातायात अधिक होता है, जहां आपके गंतव्य तक पहुंचने में घंटों लग सकते हैं। इतने वाहनों के साथ, चौपहिया वाहनों पर भीड़भाड़ वाली सड़कों पर नेविगेट करना मुश्किल हो सकता है। इसके बजाय दोपहिया वाहन के मालिक होने से इस चुनौती को आसानी से दूर किया जा सकता है। यह व्यस्त भारतीय सड़कों पर नेविगेशन को बेहद आसान बनाता है।

8 पार्किंग में आसानी: भारत में कारों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन पार्किंग स्थलों कमी भी बढ़ रही हैं। वहीं भीड़ भरे बाजार और सड़के इस समस्या को चौगुना कर रहे। जिन क्षेत्रों में पार्किंग की समस्या है, वहां टू व्हीलर एक अच्छा विकल्प बनता है। इसीलिये अक्सर बड़े अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर टू व्हीलर में नजर आते हैं। क्योंकि दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्थल आसानी से मिल जाते हैं, क्योंकि उन्हें कम जगह की आवश्यकता होती है।

10 कम बीमा प्रीमियम: भारत में यातायात नियम मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के दायरे में आते हैं । नियम के अनुसार भारतीय सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों का बीमा होना चाहिए। इनमें दोपहिया वाहन भी शामिल हैं। दोपहिया बीमा प्रीमियम चार पहिया वाहनों की तुलना में काफी अधिक किफायती है। इससे टू-व्हीलर ओनर की जेब पर बोझ आसान हो जाता है।

11 आसानी से फायनेंस: टू व्हीलर लोन सबसे आसानी से मिलने वाला लोन माना जाता है। जिसे मामूली डाउनपेमेंट पर लिया जा सकता है, वहीं निर्धारित अवधि में आसान किश्तों में चुकाया जा सकता है। बस वेबसाइट पर टू-व्हीलर लोन पेज पर नेविगेट करें और ऑफलाइन आवेदन फार्म भरें। मासिक किस्त राशि का अनुमान प्राप्त करने के लिए टू व्हीलर लोन पर जाएं और फार्म भरें, बैंक आपसे खुद सम्पर्क कर लेगी। न्यूनतम दस्तावेजीकरण के साथ, ऋण आपके बैंक खाते में शीघ्रता से वितरित किए जा सकते हैं।

निषकर्ष के तौर पर महामारी, ट्रेफिक एवं पार्किंस समस्या के बीच मोटर सायकिल एक शानदार विकल्प है। जो सामाजिक दूरी बनाए रखते हुये आपको आपके गंतव्य स्थान तक जल्दी एवं सुरक्षित पहुंचाता है।

टू व्हीलर लोन का आवेदन कैसे करें

यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप टू व्हीलर लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं:

  • फाइनेंसिंग के लिए अपने टू व्हीलर डीलर से संपर्क करें। यह सबसे आसान तरीकों में से एक है। हालांकि, अगर आप अपना खुद का फाइनेंसर ढूंढना चाहते हैं, तो आप अगले कुछ चरणों का पालन कर सकते हैं।
  • दोपहिया ऋण देने वाले बैंकों और प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थाओं की आॅनलाइन रिसर्च करें। उनकी पात्रता मानदंड को ध्यान से देखें, साथ ही साथ उनके आफर्स को भी देखें। यदि आप मानदंडों को पूरा करते हैं और उनका आॅफर अच्छा लगता है, तो आप आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं या निकटतम शाखा में जा सकते हैं
  • अपने टू व्हीलर लोन के दस्तावेज तैयार करें । अधिकांश उधारदाताओं को आपको पैन और आईडी प्रमाण, ड्राइविंग लाइसेंस और पता प्रमाण (निवास और रोजगार), आय प्रमाण और बैंक विवरण जैसे बुनियादी दस्तावेज प्रदान करने की आवश्यकता होगी ।

अमतौर से बाइक लोन के लिए आवेदन करने के लिए निम्न प्रमुख पात्रता होती है,

  • व्यक्ति को वेतनभोगी या स्व-नियोजित व्यक्ति होना चाहिए।18
  • आवेदक एक निवासी भारतीय होना चाहिए
  • आयु सीमा 21 वर्ष से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिये।
  • न्यूनतम आय 10,000 रुपये प्रति माह होगी।

टू व्हीलर लोन के लिए आवेदन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें

अन्य संपत्तियों की तरह आपकी बाइक भी आपकी संपत्ति है। संपत्ति का खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिये। आपकी सावधानी आपको भविष्य की परेशानी से बचाएगी। दोपहिया ऋण के लिए आवेदन करते समय नीचे दी गई बातों को ध्यान रखें।।

  • पात्रता: किसी वित्तीय संस्थान से सम्पर्क करने से पहले। बाइक ऋण के लिए उस संस्थान की पात्रता मानदंड को अच्छी तरह समझ लें। यदि आप इसे पूरा करते हैं, तो आप अपने आवेदन के साथ आगे बढ़ सकते हैं। क्योंकि जितनी बार लोन रिजेक्ट होगा, उतनी बार आपका सिबिल स्कोर गिरेगा।
  • बाजार पर शोध करें: आप बाइक लोने प्रदान करने वाले उपलब्ध, किफायती और उचित वित्तीय संस्थानों पर बेसिक रिसर्च कर लें। दोपहिया ऋण की ब्याज दर सहित उनकी शर्तों की जांच करें और अपने विकल्पों को शॉट लिस्ट करने से पहले उधारदाताओं के बीच तुलना करें। इससे आप प्रसाड से भी बच जाएंगे। वहीं कम ब्याज और आसान किश्त का भी लाभ ले सवेंसगे।
  • सह-आवेदक: यदि आप न्यूनतम पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तो बाइक ऋण प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति का भी समाधान है। यदि आप अपने दोपहिया ऋण के सह-आवेदक खोज लें। सह आवेदक माता पिता, भाई रिश्तेदार या कोई दोस्त हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे सह-आवेदक की आय स्थिर और क्रेडिट स्कोर ठीक हो। गाड़ी आपके नाम पर होगी और लोन दोनों के नाम पर होगा।
  • ईएमआई भुगतान में देरी: एक बार जब आप बाइक ऋण ले लेते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप ईएमआई भुगतान में देरी नहीं करते हैं। कोई भी देरी पेनल्टी शुल्क जोड़ देगी और आपकी साख को प्रभावित करेगी। आपके ऋण पर चूक करने से आपको अपनी बाइक खोनी पड़ सकती है। क्योंकि ऋणदाता अपने बकाया की वसूली के लिए इसे वापस ले लेगा।
  • ऋण दाता की जांच करें: आवेदन करने से पहले ऋणदाता के बारे में अच्छी तरह से शोध करें और सुनिश्चित करें कि वे वास्तविक हैं। मतलब उस वित्तीय संस्थान के पास सभी तरह का रजिस्ट्रेशन हो एवं उसका अच्छा रिकार्ड हो। क्योंकि आसान लोन का झांसा देकर आपको ठगी का भी शिकार बनाया जा सकता है।

उम्मीद है दो पहिया वाहन को लेकर आपकी सभी शंकाएं दूर हो गई होंगी। कोई सवाल होने पर आप कमेंट बाक्स में बता सकते हैं।

Frequently asked question | सामान्य सवाल और उनके जवाब

Two Wheeler loan kya hota hai?

बाईक, स्कूटी, स्कूटर आदि किसी भी तरह के दो पहिया वाहन खरीदने के लिये ली जाने वाली वित्तीय सहायता को दोपहिया लोन कहते हैं।

Two Wheeler loan kaise milta hai?

देश के अधिकांश बैंक एवं दर्जनो वित्तीय संस्थाएं दोपहिया वाहनों की खरीद के लिये लोन देती हैं। लेकिन सबसे आसान तरीका यही है की आप अपने वाहन डीलर से सम्पर्क करें, वो लोन से जुड़ी सारी व्यवस्था आपके लिये करेगा। दूसरी स्थिति में आप ऑनलाईन या बैंक शाखा में सीधे जाकर भी लोन के लिये आवेदन दे सकते हैं।

Tweo Wheeler loan ki sharte kya hai?

दो पहिया लोन आमतौर पर सबसे जल्दी मिलने वाला लोन कहलाता है। इसमें में भारतीय नागरिक होना, 18 वर्ष से अधिक आयू होना, 10 हजार से अधिक की मासिक आमदनी सामान्य पात्रता है। वहीं यदि आपको किसी वजह से लोन नहीं मिल रहा तो आप अपने माता पिता रिश्तेदार में से किसी को सह आवेदक बनाकर लोन आवेदन दे सकते हैं।

Leave a Comment