Personal loan kya hai. पैसों की कमी से जीवन का पहिया अक्सर चलते चलते फंसता है, खराब होता है या रुक जाता है। जीवन की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिये हम किसी से मदद लेते हैं। जिसे हम कर्ज या लोन कहते हैं। ऐसी परिस्थियां कभी न कभी सबके साथ फंसती हैं। जीवन की छोटी बड़ी समस्याओं को हल करने, जरूरतों को निपटाने, जिम्मेदारी अदा करने आदि निजी कारणों से जब हम लोन लेते हैं। तो उसे पर्सनल लोन कहते हैं।
टेकनोलाजी के इस दौर ने पर्सनल लोन को सबसे अधिक आसान कर दिया है। एक दो क्लिक में आवेदन हो जाता है। कुछ दिनों और अब तो यहां तक की एक दो घंटे में पैसा खाते में आ जाता है।
लेकिन एक समस्या यह भी है पर्सनल लोन क्या है। इसे क्यों कब और कैसे लेना चाहिये। लोन लेते और चुकाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिये। इससे आज भी अधिकांश लोग अनजान है।
इसके दो तरह के परिणाम सामने आते हैं। पहला तो यह की जरूरत के समय हमें लोन नहीं मिलता। दूसरा यह की अक्सर हम ऐसे लोन आफर्स या स्कैम में उलझ जाते हैं, जो हमारे जीवन को मुश्किल बना देते हैं। इस पोस्ट में हम पर्सनल लोन से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
पसर्नल लोन किस आधार पर पास या रिजैक्ट होता है
आज भारत में सैकड़ों बैंक, अनगिनत वित्तीय संस्थाएं हैं, जो पसर्नल लोन देती हैं। हर दिन नये नये और आकर्षक पर्सनल लोन के ऑफर देखने को मिलते हैं। पर्सनल लोन के लिये आवेदन कई गुना आसान है। बस कुछ क्लिक, चंद दस्तावेज अपलोड करके आपके लोन का आवेदन हो जाता है। मिनटों में पर्सनल लोन के लिये आवेदन किया जा सकता है।
लेकिन कर्ज देने के लिये बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के अपने अपने नियम होते हैं। जिनको पूरा करने पर ही बैंक आपके आवेदन को स्वीकार करता है। क्योंकि पर्सनल लोन असुरक्षित लोन की कैटेगरी में आता है। इसलिये लोन देने वाला कई बिन्दुओं पर लोन मांगने वाले के आवेदन का आंकलन करता है। जिससे उसका पैसा न डूबा।
बात करते हैं उन प्रमुख बिन्दुओं की जिनके आधार पर आपकी वित्तीय प्रोफाईल बनती है और आपके लोन का आवेदन पास या फेल होता है।
1. हाई क्रेडिट स्कोर
आपके पर्सनल लोन को मंजूरी देने में आपका क्रेडिट स्कोर या फिर स्कोर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सिबिल स्कोर क्या है इसे हम पिछली पोस्ट में डीटेल में जान चुके हैं। वर्तमान फायनेंसियल सिस्टम में आपका क्रेडिट स्कोर जितना हाई होगा, आपके लोन आवेदन पास होने की संभावना उतनी अधिक होगी। सिबिल या क्रेडिट स्कोर में आपके कई पहलुओं की जानकारी शामिल होती है। आपने पूर्व में कितना लोन लिया, उसे किस तरह चुकाया आदि। जिस आधार पर आपका क्रेडिट स्कोर बनता है। यह स्कोर आपके पर्सनल लोन आवेदन की स्थिति को मजबूत और कमजोर करता है।
2. कार्य अनुभव, आय
आपके पिछले वित्तीय व्यवहार को क्रेडिट स्कोर में मापने के बाद आपके वर्तमान स्थिति को देखा जाता है। जिसके आपकी आय के साधन और उसकी स्थिरता पर बैंक जोर देता है। आपकी नौकरी है, तो कहा हैं, सैलरी कितनी है, आपके खाता में वो लगातार आ रही है या नहीं। आप स्वरोजगार करते हैं तो उसका प्रूफ इंकम टैक्स रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट, पंजीयन सर्टीफिकेट आदि देखा जाता है। आपकी प्रोफाइल और आय स्थिर है तो संभावना है की आपको आसानी से लोन मिल जाए।
3. आयु
आमतौर से बड़ी लोन राशी और लम्बी अवधी में आयु भी लोन आवेदन में भूमिका निभाती है। इसलिए लोन देने वाला यह देखता है की आप उस उम्र में हों जहां आपके पास कार्य अनुभव और वित्तीय स्थिरता दोनों हो। वहीं यह भी देखा जाता है की लोन चुकाने की अवधी आपके 60 या 65 वर्ष के होने से पहले पूरी हो जाए।
4. अवधी
आप कितनी समय सीमा के लिये लोन मांग रहे हैं यह भी उतना ही महत्वपूर्ण पहलू है, जितना आपकी आय या क्रेडिट हिस्ट्री। अगर आप लोन चुकाने के लिये छोटी समय सीमा चुनते हैं तो ब्रूाज भी कम होगा और लोन भी आसानी से पास होगा। इसलिये लोन अवधी चुनते समय अति उत्साह और अति महत्वकांक्षा दोनों से बचने की सलाह दी जाती है। वहीं ईएमआई राशि कुछ ऐसी होनी चाहिए जो आपके मासिक बजट में आसानी सेट हो जाए।
पसर्नल लोन का आवेदन करते समय किन बातों का ध्यान रखें
पर्सनल लोन के आवेदन करना आसान और उनपर निर्णय बहुत तेज गति से होता है। जहां यह एक प्लस प्वाइंट है वहीं खतरे की घंटी भी। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही में आप एक बड़ा वित्तीय बोझ अपने ऊपर लाद सकते हैं। या फिर ठगी का शिकार हो सकते हैं। इसलिये पर्सनल लोन के लिये बैंक, वित्तीय संस्था और लोन प्राडक्ट चुनने से निम्न बिन्दुओं पर अच्छी तरह विचार करना चाहिये।
1. व्यक्तिगत ऋण राशि और कार्यकाल
सुखी जीवन का पहला सिध्दांत है, लोन हमेशा जितनी जरूरत हो उससे कम लेना चाहिये। भले ही आपकी चुकाने की क्षमता अधिक की हो। बैंक आपको कितने का लोन दे सकता है, उससे महत्वपूर्ण यह जानना है की आप कितनी राशि आसानी से चुका सकते हैं। इसलिये पर्सनल लोन के लिये आवेदन करते समय उत्साह की जगह समझदारी से काम लें। पर्सनल लोन की राशी और लोन की अवधी को कम से कम रखने का प्रयास करें।
2. ब्याज दर और शुल्क की तुलना करें
पर्सनल लोन लेते समय सबसे बड़ी गलती कुल राशी के कैल्क्यूलेशन में होती है। अक्सर लोग कितना लोन लिया और कितना ब्याज लगा का हिसाब लगाकर फैसला कर लेते हैं, और नुकसान उठाते हैं। लोन की कुल लागत में ब्याज, प्रोसेसिंग फीस, सेवा शुल्क, कर और अन्य शुल्क (यदि कोई हो) शामिल होते हैं। इन सभी का अध्ययन करें और कुल राशि में जोड़ें फिर अपनी क्षमता का आंकलन करें और फैसला लें।
लोन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपने ब्याज दर, शुल्क सहित ऋण की शर्तों को पढ़ और समझ लिया है। कुछ ऋणदाता एकल अंकों की ब्याज दर वसूल सकते हैं, लेकिन यदि इन्हें मासिक आधार पर लागू किया जाता है, तो वार्षिक ब्याज दर शुल्क बहुत अधिक होगा, जिससे ऋण बहुत महंगा प्रस्ताव बन जाएगा। दूसरी ओर, कुछ ऋणदाता वार्षिक आधार पर ब्याज दर वसूलते हैं।
इसलिये पर्सनल लोन के लिये आवेदन देने से पहले, अलग अलग बैंकों की ब्याज दरों, शुल्क आदि का तुलनात्मक अध्ययन कर लें।
3. दंड और छिपे हुए शुल्क
आजकल, अधिकांश बैंक और लोन कंपनियां लोन प्राडक्ट की मार्केटिंग बहुत आकर्षक ढंग से करते हैं। कम ब्याज और फास्ट लोन एप्रूवल के झांसे में आकर हम छिपे हुये शुल्क और दंड की शातों को पढ़ना भूल जाते हैं। जिसके बाद में गंभीर परिणाम सामने आते हैं। बहुत से वित्तीय संस्थान ब्याज दर तो कम रखते हैं, लेकिन पैनाल्टी और शुल्क कई गुना अधिक रखते हैं। इसलिये दंड और छिपे हुये शुल्क अच्छे से पढ़े और जानें। फिर लोन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करें।
4. दस्तावेजीकरण प्रक्रिया (Documentation)
आपके दस्तावेज आपकी पहचान हैं। यदि यह गलत हाथों में पड़ जाते हैं तो आप गंभीर परेशानी में पड़ सकती है। इसलिये लोन अपलाई करते समय दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया को पहले जानें। अपने दस्तावेज हार्डकॉपी देने या साफटकापी अपलोड करने से पहले सावधानी बरतें। आॅफलाईन की स्थिति में अधिकृत शाखा में जाकर दस्तावेज दें। वहीं अपलोड करने से पहले वेबसाईट का लिंक चैक कर लें। आपको ऋण के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए और किसी भी संदेह के मामले में, आपको इसे ऋणदाता के साथ उठाना चाहिए। कोई भी ऋणदाता जो बिना किसी दस्तावेजीकरण प्रक्रिया के तुरंत व्यक्तिगत ऋण प्रदान करने का दावा करता है, वह लाल झंडा है और आपको ऐसे किसी भी ऋणदाता से पर्सनल लोन लेने से बचना चाहिए।
5. ईएमआई चेक करें
लोन प्राप्त करना जितना अहम है, उससे अधिक लोन चुकाना है। इसलिये लोन एग्रीमेंट पर साईन करने से पहले लोन चुकाने की रणनीति बनाएं। इसके लिये ईएमआई तय करने पर ध्यान दें। ईएमआई कितनी है,आपकी मासिक आय के अनुपात में है या नहीं। इसके लिये पर्सनल लोन ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग करें। याद रखें ईएमआई उतनी ही हो जितनी आप हर महीने आसानी से चुका सकें। यदि ईएमआई की राशी आपकी आमदनी से मेल नहीं खाती तो किश्त भरने में चूकेंगे। नतीजा पैनाल्टी, अतिरिक्त शुल्क और ब्याज का शिकार भी होंगे। तो दूसरी तरफ आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब होगा।
याद रखें पर्सनल का आवेदन जितना आसान है, पर्सनल लोन के नाम पर धोखाधड़ी की संभावनाएं भी उतनी ही अधिक। इसलिये पर्सनल के लिये आवेदन करने से पहले सावधानी बरतें। आपकी सावधानी और लोन लेने से पहले की गई बेसिक रिसर्च आपको धोखधड़ी से भी बचाएगी और लोन डिफाल्टर बनने से भी बचाएगी।
पर्सनल लोन नहीं चुकाने का नतीजा
लोन के ऑफर या आता हुआ पैसा जितना खूबसूरत लगता है, उसे न चुकाने का परिणाम उतना ही बदसूरत होता है।
लोन लेते समय हम लोन देने वाले के साथ एक समझौता करते हैं। यदि हम किसी भी वजह से लोन नहीं चुकाते तो इसके कई तरह गंभीर परिणाम हमें भुगतने पड़ सकते हैं। लोन डिफाल्टर न हो इसके लिये उसके परिणाम पता होना जरूरी है।
पर्सनल लोन में चूक होने पर उसके कुछ प्रमुख परिणामों
1. भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता है
जिंदगी में कब कैसी परिस्थितियां आएं कोई नहीं जानता। यदि आपका क्रेडिट इतिहास अच्छा रहता है तो आपको जरूरत पर आसानी से कर्ज मिल जाता है। लोन डिफाल्ट होने का पहला गंभीर परिणाम तो यही आता है की भविष्य लोन के लिये दरवजे या तो बंद हो हाते हैं, या बहुत मुश्किल हो जाते हैं।
लोन डिफाल्ट होने पर आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है। यदि आप अपने व्यक्तिगत ऋण चुकौती में चूक करते हैं, तो आपका ऋणदाता तुरंत क्रेडिट ब्यूरो को सचेत करता है। यह नकारात्मक रिपोर्ट आॅटोमैटि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में दर्ज हो जाती है। जिससे भविष्य में लोन मिलना कठिन हो जाता है।
2. वित्तीय बोझ बढ़ता है
एक बड़ा लोन यदि डिफॉल्ट हो जाए तो घर का और आपका पूरा बजट बिगड़ता है। जैसे जैसे ईएमआई बाउंस होती है, वैसे वैसे कर्ज की राशी बढ़ती जाती है। आप केवल मासिक किस्त ईएमआई के लिए ही जवाबदेह नहीं होते। बल्कि अन्य लागतें जैसे विलंब शुल्क, दंड, आपके मौजूदा बकाया में जुड़ते जाते हैं। आर्थिक स्थिति बिगड़ती जाती है।
3. डिफॉल्ट नोटिस जारी होता है
यदि आप दो से अधिक भुगतान चूक जाते हैं और ऋणदाता की कॉल का जवाब नहीं देते हैं, तो आपको आपके ऋणदाता द्वारा एक डिफॉल्ट नोटिस जारी किया जा सकता है। यह नोटिस उधारकर्ता को सूचित करता है कि यदि ऋणदाता के कॉल, ईमेल या टेक्स्ट संदेशों का कोई जवाब नहीं मिलता है तो उनके पोस्ट-डेटेड चेक या कोलेटरल को भुनाया जा सकता है। आरबीआई के दिशा-निदेर्शों के अनुसार, अगर पर्सनल लोन डिफॉल्ट के मामले में पोस्ट डेटेड चेक भी बाउंस हो जाता है, तो ऋणदाता उधारकर्ता के खिलाफ आपराधिक आरोप लगा सकता है।
4. कानूनी कार्रवाई या जेल तक हो सकती है
लोन नहीं चुकाना, लोन एग्रीमेंट का उल्लंघन है। आप ऋण वसूलने के लिये ऋणदाता आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिये आजाद होता है। कानूनी कार्यवाही की स्थिति आपका कुल बकाया पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो सकता है। अंत में, आपको मूल रूप से ऋणदाता की तुलना में बहुत अधिक राशि का भुगतान करना होगा। या फिर जेल और कुर्की जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है।
पर्सनल लोन डिफॉल्ट हो जाए तो क्या करें
किसी वजह से ईएमआई चूकने पर या लोन डिफाल्ट होने पर आप नुकसान को कैसे कम करेंगे यह भी पता होना जरूरी है। तो यहां हम चर्चा करेंगे कि पर्सनल लोन डिफॉल्ट को निपटाने के लिए क्या कर सकते हैं…
- ऋणदाता से अधिसूचना को अनदेखा न करें: जब आप अपनी ईएमआई देय तिथि से चूक जाते हैं, तो आपका ऋणदाता फोन, ईमेल आदि के आपसे संपर्क करेगा। आपको एलर्ट करेगा। ऐसी स्थिति में यदि आप ऋणदाता के मैसेज का जवाब नहीं देते। तो यह मानते हुये की आप लोन नहीं चुकाना चाहते, तो ऋण दाता आगे की कार्यवाही करता है। शुरुआती कदम के रूप में वे लोन रिकवरी एजेंसी को अपनी बकाया राशी वसूलने का काम दे सकता है। यदि ईएमआई छूट गई है तो ऋण दाता के मैसेज को अनदेखा न करें। ऋणदाता को बताएं और पारस्परिक रूप से समाधान निकालने का प्रयास करें।
- अपने ऋणदाता के साथ बातचीत करें: यदि आप वास्तविक कारणों से अपने पर्सनल लोन भुगतान करने में असमर्थ हैं, तो हमेशा ऋणदाता के साथ बातचीत की करने की सलाह दी जाती है। आपका ऋणदाता स्थिति से निपटने में आपकी मदद करने के लिए समाधान खोजने के लिए आपके साथ बातचीत करने का विकल्प चुन सकता है। विशेष परिस्थितियों में, ऋणदाता आपको उपयुक्त विकल्प भी प्रदान कर सकता है।
हमेशा याद रखें…..
- पसर्नल लोन के लिये आवेदन देने से पहले यह सुनिश्चत कर लें की जिस वित्तीय संस्था में आप आवेदन दे रहे हैं। वो रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया से पंजीकृत हो।
- ऑनलाइन एप या वेबसाईट के माध्यम से आवेदन देते समय वेबसाईट और एप की जांच अवश्य कर लें। अक्सर प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम पर या मिलते जुलते नाम पर फर्जी वेबसाईट एवं एप बना ली जाती हैं। जिसके माध्यम से धोखाधड़ी होती है।
- आवेदन करने के पहले ब्याज दरों के साथ साथ प्रोसेसिंग फीस, हिडन चार्ज, पैनाल्टी आदि नियम व शर्तो का अच्छी तरह तरह अध्ययन कर लें।
- डिफाल्ट की स्थ्ज्ञिति में अगर आप अपने ऋणदाता के साथ समाधान तक नहीं पहुंचते हैं, तो लोन डिफॉल्ट परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
- हमेशा अपने लोन की ईएमआई का पूरा और समय पर भुगतान करें। एक भी भुगतान न चूकें।
- ईएमआई के आंशिक भुगतान या देय न्यूनतम राशि का भुगतान करने के लिए मत जाओ – इससे बकाया राशि पर ब्याज मिल सकता है, जिससे आपका कर्ज बढ़ सकता है।
- जब तक लोन खत्म नहीं हो जाता, अपने खर्चों को संयम में 18रखें। सुनिश्चित करते रहें, कि आप समय सीमा में अपना लोन चुकाने में सक्षम हैं।
अंतिम बात…
पैसों की जरूरत पड़ना एक सामान्य बात है। टेक्नालाजी ने पर्सनल लोन को बहुत आसान बना दिया है। लेकिन इस आसानी ने धोखाधड़ी के रास्ते भी खोल दिये हैं। हर दिन सैंकड़ों लोग लोन के नाम पर ठगी का शिकार बन रहे हैं।
इसलिये मजबूरी में ही लोन लें। जितना आसानी से चुका सकते हैं, उतना लें। आफर्स के चक्कर में न उलझें, अपनी जरूरत और क्षमता के आधार पर फैसलें ले। लोन एग्रीमेंट करने, दस्तावेज देने या अपलोड करने से पहले दो बार क्रास चैक करें।
ईएमआई समय दें और चूकने पर ऋण दाता के संदेशों को नजरअंदाज न करें। यदि न चाहते हुये भी ऐसे हालात बन जाएं की लोन डिफाल्ट हो जाए। तो सबसे पहले अपने ऋणदाता से सम्पर्क करें और बातचीत के जरिये रास्ता निकालने का प्रयास करें।