Union Budget 2003: भारत की विकास दर 07 फीसदी रहने का अनुमान

Union Budget 2003: Financial Year 2022-23 में भारत की GDP Growth 07 फीसदी रहने का अनुमान स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री ने व्यक्त किया है. गौरतलब है की वित्तीय वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ 8.7 फीसदी थी। मिनिस्ट्री ने कहा है कि इस फाइनेंशियल ईयर में इंडिया की नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 15.4 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह 19.5 फीसदी थी। इस फाइनेंशियल ईयर में ग्रॉस वैल्यू ऐडेड 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह 8.1 फीसदी थी। मिनिस्ट्री ने कहा है, ‘रियल जीडीपी इस फाइनेंशियल ईयर में 157.60 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के दौरान जीडीपी का प्रोविजनल अनुमान 147.36 लाख करोड़ रुपये है।

मिनिस्ट्री ने कहा है कि इस फाइनेंशियल ईयर में रियल जीडीपी की ग्रोथ 7 फीसदी रह सकती है। जीवीए के लिहाज से सर्विसेज सेक्टर की ग्रोथ 13.7 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह 11.1 फीसदी थी। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन की ग्रोथ घटने का अनुमान है। इसके इस फाइनेंशियल ईयर में घटकर 1.6 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह 9.9 फीसदी थी।

इस फाइनेंशियल ईयर में प्राइवेट कंजम्प्शन की ग्रोथ 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह 7.9 फीसदी थी। इस फाइनेंशियल ईयर में ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन की ग्रोत 11.5 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह 15.8 फीसदी थी। ग्रॉस नेशनल इनकम और नेट नेशनल इनकम की ग्रोथ इस फाइनेंशियल ईयर में 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है। यह पिछले फाइनेंशियल ईयर में 8.8 फीसदी था। इस फाइनेंशियल ईयर में प्रति व्यक्ति आय की ग्रोथ 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह ग्रथ 7.6 फीसदी थी।

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