Union Budget 2023: कृषि किसान और रुरल इकोनोमी पर हो सकता है सरकार का फोकस

मोदी सरकार 2.0 का अंतिम पूणज़् बजट भारत के वित्तीय जगत में ट्रेंड कर रहा है. वैश्विक आर्थिक हालात को सामने रखते हुये दुनिया के सभी प्रमुख देशा की नजर यूनियन बजट 2023 पर है. बजट प्रस्तुत होने में अब ज्यादा समय नहीं है. हर वर्ग और विशेषज्ञ अपने अपने स्तर पर बजट को लेकर आंकलन कर रहे हैं.

लेकिन माना जा रहा है घरेलू बाजार को मजबूती देने और आने वाले चुनाव को सामने रखते हुये आगामी यूनियन बजट एग्रीकल्चर और रूरल एरिया पर फोकस वाला हो सकता है. इसके साथ है इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता हो सकती है.

सरकार का आखिरी पूर्ण बजट…

रगौरतलब है की फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट पेश करेंगी। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले यह केंद्र सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। इलेक्शंस के बाद केंद्र की नई सरकार फाइनेंशियल ईयर 24-25 का पूर्ण बजट पेश करेगी।

फिस्कल डेफिसिट के टारगेट के अंदर रहने की उम्मीद

वर्ल्ड बैंक ने इंडिया डेवलपमेंट अपडेट में कहा है कि अच्छी ग्रोथ और रेवेन्यू कलेक्शंस में उछाल से इस फाइनेंशियल ईयर में सरकार का फिस्कल डेफिसिट टारगेट के जितना रहेगा। सरकार ने इस फाइनेंशियल ईयर में फिस्कल डेफिसिट के लिए 6.4 फीसदी (जीडीपी का) टारगेट तय किया है।

खर्च बढ़ाने की गुंजाइश

विशेषज्ञों का कहना है की कोरोना की महामारी के दौरान सरकार पर खचज़् बढ़ाने का दबाव था। इसके बावजूद उसने फिस्कल डेफिसिट पर अपनी नजर बनाए रखी। उन्होंने कहा, यह चाहे जिसने भी किया हो, अब उसके नतीजें हम देख रहे हैं। मेरा अब भी यह मानना है कि इलेक्शंस ईयर होने के बावजूद सरकार फिस्कल डेफिसिट को लेकर समझौता नहीं करेगी। यह अच्छी बात है कि इकोनॉमी फिर से कोरोना से पहले की स्थिति में आ गई है। टैक्स कलेक्शंस में अच्छी ग्रोथ से सरकार के पास खचज़् करने की गुंजाइश है।

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